लोभ और अहंकार इंसानियत के दुश्मन
Lobh par Shayari: लोभ और अहंकार दो ऐसे दोष हैं जो इंसान को उसकी असली पहचान से दूर कर देते हैं। लोभ व्यक्ति को कभी संतुष्ट नहीं होने देता और वह दूसरों का हक छीनने तक तैयार हो जाता है। वहीं अहंकार इंसान के भीतर घमंड भर देता है, जिससे वह खुद को श्रेष्ठ समझकर दूसरों को छोटा आंकने लगता है। इन दोनों दोषों के कारण रिश्ते टूटते हैं, समाज में असमानता और द्वेष फैलता है। इंसानियत, जो प्रेम, दया और सहानुभूति का आधार है, लोभ और अहंकार से नष्ट हो जाती है। सच्चा इंसान वही है जो लोभ और अहंकार को त्यागकर विनम्रता और करुणा को अपनाए। यही गुण मानवता को बचाते हैं और जीवन को सार्थक बनाते हैं।
Contents
लोभ की आग
लालच में डूबा, खुद को भूल गया,
सच का सूरज भी उस पर धूल गया।
लोभ बुनता है ऐसा जाल,
जिसमें फँसकर गिरता है हाल।
संतोषी सुख पाते हरदम,
लालची रह जाता है गम-गम।
लोभ का अंत है पछतावा,
जीवन का असली सुख गंवाया।
लोभ की आग में जलता है इंसान,
मिट्टी के घर में ढूंढे आसमान।
लोभ और लालच पर कोट्स
लोभ का अंधेरा इंसान को निगल जाता है,
चाहत का ज़हर रिश्तों को जल जाता है।
लोभ की आग में जलकर राख हो जाते हैं,
इंसान सब कुछ पाकर भी खाक हो जाते हैं।
लोभ की जंजीरें इंसान को कैदी बना देती हैं,
सच्चाई की राह से दूर भटका देती हैं।
जहाँ लोभ होता है, वहाँ चैन नहीं मिलता,
सुकून का रास्ता कभी वहीं से नहीं निकलता।
लोभ इंसान को इतना गिरा देता है,
कि वो अपने आप से ही जुदा कर देता है।
लोभ की चाह कभी पूरी नहीं होती,
ये भूख उम्र भर अधूरी ही रहती।
लोभ इंसान को अंधा बना देता है,
सही-गलत का फर्क भुला देता है।
लोभ का फल हमेशा कड़वा होता है,
जो भी इसमें फँसे, जीवन जड़वा होता है।
लोभ से भरा दिल कभी शांत नहीं होता,
ये बेकली हमेशा साथ लेकर रोता।
लोभ इंसानियत को खो देता है,
इंसान को पतन की ओर मोड़ देता है।
लोभ से इंसान खुद को खो देता है,
अपना ही संसार उजाड़ देता है।
लोभ का अंत हमेशा दुःख लाता है,
सच्चाई से दूर केवल पछतावा कराता है।
लोभ और लालच पर शायरी
जिसे लोभ छू जाए वो गिर जाता है,
खुद का भी और अपनों का भरोसा खो जाता है।
लोभ की राह में मोह का जाल बिछा होता है,
हर कदम पर धोखा लिखा होता है।
लोभ से बढ़कर कोई रोग नहीं है,
ये भीतर की शांति को छीन लेता है।
लोभ इंसान को इतना मजबूर कर देता है,
कि वो गलत रास्ता भी मंज़ूर कर लेता है।
लोभ का अंजाम बर्बादी ही होता है,
हर रिश्ता इसमें खोखला ही होता है।
लोभ से जो जीता है वो हार ही जाता है,
सच्चे सुख से दूर बहुत रह जाता है।
लोभ की आग में रिश्ते जल जाते हैं,
सपने भी राख बनकर बिखर जाते हैं।
लोभ इंसान को इंसान नहीं रहने देता,
वो अपना चेहरा आईने में देखने से डरता।
लोभ की छाया जीवन पर पड़ती है,
हर खुशी धीरे-धीरे सड़ती है।
लोभ इंसान को स्वार्थी बना देता है,
वो अपनों को भी पराया समझ लेता है।
लोभ से भरी निगाह कभी संतोष नहीं पाती,
हर चीज़ में कमी ही नज़र आती।
लोभ का रास्ता अंधकार से भरा होता है,
जहाँ अच्छाई का दीपक कभी नहीं जलता।
लोभ और अहंकार पर कोट्स | Lobh par Shayari
अहंकार के साथ जीने वाला,
हमेशा रिश्तों से दूर हो जाता है,
वो सोचता है वो सबका मालिक है,
पर असल में अकेला रह जाता है।
अहंकार की आग में जलकर,
इंसान खुद ही राख हो जाता है,
जो झुकना सीख ले जीवन में,
वो सबसे ऊँचा दिख जाता है।
अहंकार से भरा हुआ दिल,
कभी सुकून नहीं पा सकता,
जो सिर झुका ले मोहब्बत में,
वही असली इश्क निभा सकता।
अहंकारी इंसान को अक्सर,
अपने ही लोग छोड़ जाते हैं,
क्योंकि वो फूल नहीं काँटे हैं,
जो रिश्तों को तोड़ जाते हैं।
अहंकार का घमंड जब टूटता है,
तो इंसान को खुद पर हँसी आती है,
जिन्हें छोटा समझ कर छोड़ा था,
वो ही सबसे बड़ा सहारा बन जाते हैं।
अहंकार का घमंड जब सिर चढ़ जाता है,
तो इंसान खुद अपने रिश्तों से लड़ जाता है।
जिसे अपने ज्ञान पर घमंड हो जाता है,
वही सबसे पहले अज्ञान में डूब जाता है।
अहंकार के नशे में कोई बड़ा नहीं होता,
समय सबको झुका देता है, झुकने वाला छोटा नहीं होता।
रुतबा और दौलत से मत करना घमंड,
ये सब पल में छूट जाता है, साथ चलता है सिर्फ कर्म और सच्चा संबंध।
Read More👇:`
200 + Best Maa Baap Shayari
Good Morning Shayari