Shortshayari.com चमचे वे लोग होते हैं जो स्वार्थी लाभ के लिए दूसरों की चापलूसी करते हैं। उनका मुख्य उद्देश्य बड़े लोगों के करीब रहकर अपना काम निकालना होता है। ये लोग अक्सर अपनी स्वाभिमान को ताक पर रखकर दूसरों की जी-हुजूरी करते हैं। समाज में इनका महत्व केवल इसलिए होता है क्योंकि ये अपने स्वार्थ के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। ऐसे लोग न तो खुद इज्जत पाते हैं और न ही दूसरों से सम्मान। हमें ऐसे लोगों से सावधान रहना चाहिए और स्वाभिमान को बनाए रखते हुए अपने गुणों से आगे बढ़ने का प्रयास करना चाहिए। #chamchagiri per shayari, #rajnitik chamchon per shayari, #chamcho par thoughts, चमचों पर शायरी , चमचों पर स्टेटस…
चमचों की भरमार है…
योग्यता सबके आगे लाचार है..
आंखों में धूल झोंकना इनका व्यापार है
दौलत से तिजोरी भर रहे हैं,
सज्जनता को रौंद रहे हैं
चमचों के यहाँ सब मुरीद हैं
चमचों के बिना जिंदगी बेहाल है
घर में चमचा
ऑफिस में चमचा
नीचे से ऊपर तक हर जगह चमचा
चमचागिरी ना हो तो साहब गुस्साता है
चमचा ना हो तो खाना भी नहीं भाता है
आजकल चमचों का धंधा भी जोरों पर चल रहा है
जिसे देखो वो चमचा बन रहा है
जो चाहो वो चमचों से करवाइये
सभाऔं में अपनी चमचों से ताली पिटवाईये
यही तो प्रजातंत्र का कमाल है
जिनके पास चमचे हैं वही नेता खुशहाल है !
Contents
राजनीतिक चमचों पर शायरी
#1
चमचे कभी वफादार नहीं होते, वफादार कभी चमचे नहीं होते।
#2
जिन्हें जवानी में चमचागिरी की लत लग जाती है,
उनकी सारी उम्र दलाली में गुजर जाती है।
#3
बेवजह की बात पर भी जो लड़ता है आंख मूद कर जो गुणगान करता है अपने कुतर्क से ज्ञान का दम भरता है ऐसा चमचा हर राजनीतिक दल में रहताहै।
#4
नेताओं की तारीफ करनी पड़ती है पार्टी में जगह बनाने के लिए कोई अंधभक्त कहे या चमचा समझे झुकना पड़ता है कुछ पाने के लिए।
#5
जब किसी की सिर्फ तारीफ जुबान से निकलने लगे चमचा बनने की श्रेणी में जा रहे है। तब आप यह समझने लगे।
#6
हिंदू मुस्लिम करते-करते आग लगा दी बस्ती में नेता जी के चमचे थे सब झूम रहे थे मस्ती में
#7
जिसे शतरंज का वजीर समझा हकीकत में वह तो प्यादा निकला जिसे अपना मित्र समझा वह दूसरों का चमचा ज्यादा निकल।
#8
महंगाई दिन प्रतिदिन बढ़ रही है युवाओं के लिए रोजगार घट रहे हैं नेताजी के चमचे अब भी उनके तारीफ में कसीदे गढ़ रहे हैं।
#9
जीवन में समस्याओं की भरमार है गरीब को देखो कितना परेशान है चमचे इस कदर तारीफ करते हैं जैसे वे सच्चाई से आज भी अनजान है।
#10
चासनी की जुबान चमचों की हुनर चमचागिरी कमाल है कमाते कुछ भी नहीं है पर करते लाखों का सवाल है।
तलवे चाटने पर शायरी
#11
राजनीतिक चमचे नेताओं के है गमछे ,
जिनसे नेता दिन भर हाथ पोछते।
#12
राजनीतिक चमचे खूब कराते खर्चे ,
तभी तो देश के लिए नहीं बचते पैसे।
#13
राजनीतिक चमचो को तो देना है सिर्फ नेताओ का साथ ,
फिर चाहे नेता करे कितनी भी बकवास।
#14
राजनीतिक चमचो का कर्म ,
नेताओं के संग है इनका हर कदम।
#15
चमचो ने किया सबको परेशान ,
ये खोलकर बैठे है हर जगह अपनी दुकान।
#16
जनता को लुटे ,
राजनीतिक चमचे है बड़े झूठे।
#17
राजनीतिक चमचो ने सबको परेशान किया है ,
ईमानदारी को इन्होने जीने नहीं दिया है।
#18
चमचो का है भड़काने का काम ,
इन्हे हम क्यों करे सलाम।
#19
गलत को भी सही बताते ,
ये चमचे हर जगह सिर्फ जहर फैलाते।
#20
राजनीतिक चमचो को कह सकते है स्वार्थ की दुकान,
इसलिए इनसे नहीं हो सकता कोई अच्छा काम।
chamchagiri par shayari in Hindi
#21
राजनीति में मिलेगी चमचो की दुकान ,
ये है बेईमानी का बहुत बड़ा धाम।
#22
राजनीतिक चमचे खुद को समझते बड़ा ख़ास ,
आखिर नेता के पास जो रहते ये साहब।
#23
चमचागिरी बंद होगी ,
तो देश की स्थिति सुधरेगी।
#24
राजनीतिक चमचों का अगर हो जाए खत्मा ,
तो कम हो जाए कई दुर्घटना।
#25
सरे आम दुनिया को लूट कर ये अपनी जेब भरते जाए ,
राजनीतिक चमचे इस कदर अपनी सत्ता बैठाए।
#26
राजनीतिक चमचे हर जगह दिखते ,
यही तो इंसानो को वोट के लिए खरीदते।
#27
राजनीतिक चमचों का परिधान,
गुलामी बन गई इनकी जान।
यही है इनकी असली पहचान ,
जिसे समझते ये अपनी शान।
#28
राजनीतिक चमचों का दिमाग है एक आग ,
नेता लेते इनसे सलाह दिन रात।
#29
चमचों तुम सुधर क्यों नहीं जाते ,
तुम्हारे कारण अच्छे दिन बुरे दिन में बदल जाते।
#30
राजनीतिक चमचों का काम है नेता को खुश करना ,
इसके लिए चाहे उन्हें पड़ जाए कुछ भी करना।
दलालों से सावधान शायरी
#31
राजनीतिक चमचों का पैदा होना बंद हो जाए ,
तो देश में सोना हर जगह निकल जाए।
#32
चमचो का दिमाग गुलामी के कारण हो गया है बकवास ,
नेता जी इन्हे कर दो अब आजाद।
#33
राजनीतिक चमचे डलवाए हर जगह दरार ,
और नेता समझ नहीं पाए इनका प्रहार।
#34
हर जगह राजनीतिक चमचों का है कब्ज़ा ,
तभी तो आम इंसान का ज्यादा होता खर्चा।
#35
राजनीतिक चमचो की जुबान करवाती सारे काण्ड ,
फिर भी नेता नहीं समझ पाते इनकी चाल।
#36
नेता के दम पर ये राजनीतिक चमचे उछलते है ,
चलो मिलकर इनके सिर कुचलते है।
#37
चमचो की तो आदत है गुलामी करने की ,
पर हमें जरूरत नहीं इनसे डरने की।
#38
राजनीतिक चमचों के खून में होती बड़ी गर्माहट ,
क्योंकि नेता देता इनको दावत।
#39
चमचो की फौज हर जगह खोजती वोट ,
इनके नेता की नियत में है खोट।
#40
नेताओं ने दे रखी है चमचो को छूट ,
और ये लूट रहे है हमको खूब।
सियासत पर शायरी
#41
जुबान के मीठे,
राजनीतिक चमचे नहीं बिल्कुल भी सीधे।
#42
राजनीतिक चमचों का ज्ञान अद्भुत महान ,
इन्होने लूट लिया जग जहान।
#43
राजनीतिक चमचे होते है जेब से कड़के ,
इसलिए हर वक़्त रहते ये भड़के।
#44
देश में उन्नति के फूल खिलेंगे ,
जिस दिन धरती पर राजनीतिक चमचे जन्म ना लेंगे।
#45
चमचो की बुलंदी ,
नेताओं के साथ होती उनकी जुगलबंदी।
तभी तो राजनीतिक चमचो की नहीं होती मंदी।
#46
चमचो को “ना “कहना नहीं आता ,
इसी के बल पर इनका घर चल पाता।
#47
चमचागिरी नहीं है कोई बहादुरी ,
इससे दूर हो जाओ तुम अभी।
#48
चमचों की दुनिया में शराफ़त कहाँ,
सिर्फ़ चापलूसी का होता है गुमाँ।
वफ़ा की बातों से करते हैं खेल,
पीठ पीछे खंजर चलाते हर पहर, हर मेल।
#49
वो जो हंसते थे साथ मेरे,
पीठ पीछे चालें चलाते रहे।
दोस्त बनकर
नोट- इस आर्टिकल में राजनीतिक चमचों के ऊपर शायरी एवं कोट्स लिखे गए हैं आप इसे जरूर पढ़े होंगे अगर इसमें कुछ भी त्रुटि आपको मिले तो कमेंट करके आप सुझाव दे सकते हैं ताकि हम पोस्ट को अपडेट कर सकें। आपका सहयोग हमारे लिए बहुत बड़ा उपहार के समान होगा। धन्यवाद!! चमचों पर शायरी
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good article.