Gulzar Sahab ke Shayari | गुलजार साहब के शेरो शायरी

Shortsyayari.com गुलजार के नाम को कौन नहीं जनता है भारत कला साहित्य भारतीय संस्कृति की सभ्यता यहा देखने को मिलता है । गुलजार साहब एक ऐसे शायर है जिन्होंने साहित्य को जन जन तक सरल एवं सहज भाषा मे पहुचाए है । गुलजार की शायर पढ़ने के लिए ब्लॉग को आंत त पढे ।

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Gulzar Sahab ke Poetry
Gulzar Sahab ke Poetry

तुम्हारा याद आना भी कमाल करता है
कभी देखना आकार की मेरा क्या हाल होता है।

⭐⭐⭐

दीवारे सुन लेती है चीखे मेरी
बस कुछ अपने बाहरी बने बैठे हैं।

⭐⭐⭐

रिश्ते जब मजबूत हो जाते हैं
तब बिन कहे महसूस होते हैं।

⭐⭐⭐

माना की दूरियां कुछ बढ़ सी गई है,
लेकिन तेरे हिस्से का वक्त आज भी तन्हा गुजरता है।

⭐⭐⭐

जो इंसान जितना खामोश रहता है,
वह अपनी इज्जत को उतना ही महफूज रखता है।

⭐⭐⭐

दर्द होता है यह देखकर कि
तेरे पास सबके लिए वक्त है,
सिर्फ मुझे छोड़कर।

⭐⭐⭐

दुनिया फरेब करके हुनरमंद हो गई,
और हम एतबार करके गुनहगार हो गए।

⭐⭐⭐

कितने अनमोल होते हैं अपनों के रिश्ते,
कोई याद ना भी कर तो भी इंतजार रहता है।

⭐⭐⭐

अच्छा जा रहे हो छोड़ के ?
क्या इतना आसान होगा ?
बस एक सवाल का जवाब दे दो जाते-जाते
नफरत करना चाहते हो ना ?
कर पाओगे ?
तू वो मर्ज है मेरा जिसे दुआ लगती है, दवा नहीं।

⭐⭐⭐

जिंदगी में अगर खुश रहना है,
तो भूल जाओ उन्हें जो तुम्हें भूल गए।

⭐⭐⭐

Gulzar Shayari

Gulzar Sahab ke Poetry
Gulzar Shayari

जिंदगी में गम है, गम में दर्द है
दर्द में मजा है, और मजे में हम हैं।

⭐⭐⭐

सब ने कहा अच्छे से जाना,
फिर भी मां ने कहा, बेटा जल्दी आना।

⭐⭐⭐

ख्याल रखा करो अपना
मेरे पास आपके जैसा और नहीं।

⭐⭐⭐

वो भी अपने ना हुए दिल भी गया हाथों से,
ए से आने से बेहतर था उनका ना आना।

⭐⭐⭐

देख कर दर्द किसी और का जो आह दिल से निकल जाती है,
बस इतनी सी बात तो आदमी को इंसान बनाती है।

⭐⭐⭐

अच्छा सुनो तुम ही रख लो मुझे अपना बनाकर
औरों ने तो छोड़ दिया… मुझे तेरा समझ कर।

⭐⭐⭐

कुछ रहम कर जिंदगी थोड़ा संवार जाने दे,
तेरा अगला जख्म भी सह लेंगे, पर पहले वाला तो भर जाने दे।

⭐⭐⭐

बिन तेरे अब कोई आस नहीं,
इतना तरसे कि अब कोई प्यास नहीं।

⭐⭐⭐

कुछ पल के लिए दूर हुआ था मैं पर तूने तो मेरे बिना,
जीना ही सीख लिया कोशिश मैं भी करूंगा ना करने की।

⭐⭐⭐

टूटी हुई चीज बहुत चुभती है
चाहे वह कांच हो या फिर रिश्ते।

⭐⭐⭐

पिछले कुछ दिनों की बात है,
इश्क इतने करीब से गुजर लगा कि बस हो गया।

⭐⭐⭐

Guljar Sahab ke Shero Shayari in Hindi

Gulzar Sahab ke Poetry
Gulzar Shayari

अक्सर अकेले रह जाते हैं वे लोग,
जो खुद से ज्यादा दूसरों की परवाह करते हैं।

⭐⭐⭐

मुझे नजर अंदाज करने की एक वजह बता दो,
फिर तुझे चाहने की हजार वजह बता दूंगा।

⭐⭐⭐

लिखना तो यह था कि खुश हूं तेरे बगैर भी
लेकिन कलम से पहले आंसू कागज पर गिर गया।

⭐⭐⭐

अगर आप पर कोई मरता है
तो कोशिश करो कि वो जिंदा रहे।

⭐⭐⭐

आज परेशान हूं कल सुकून भी आएगा
खुदा तो मेरा भी कब तक रुलाएगा।

⭐⭐⭐

नाराज तो नहीं हूं तुम्हारे जाने से,
मगर हैरान हूं कि तुमने मुड़कर भी नहीं देखा।

⭐⭐⭐

समय दिया करो रिश्तो को,
ताजमहल लोगों ने देखा मुमताज ने नहीं।

⭐⭐⭐

घंटे निकल जाते हैं खुद से बात करते-करते
और लोग कहते हैं कि मैं बातें नहीं करता।

⭐⭐⭐

कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती है
कभी जिंदगी एक पल भी नहीं गुजरता।

⭐⭐⭐

असल में हमारे अपने हमें दर्द नहीं देते दर्द वह देते हैं,
जिन्हें हम अपना समझने की भूल कर बैठते हैं।

⭐⭐⭐

Gulzar Shayari in Hindi

Gulzar Sahab ke Shayari
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सुना है कोई और चाहने लगा है,
तुम्हें हमसे ज्यादा चाहे तो उसी के हो जाना।

⭐⭐⭐

बहुत अकेला कर दिया है अपनों ने मुझे,
समझ नहीं आता किस्मत बुरी है या हम।

⭐⭐⭐

असली कीमत तो दो ही बार समझ आती है
एक उसे पाने से पहले और दूसरा उसे खोने के बाद।

⭐⭐⭐

आजकल लोग भी आईने की तरह हो गए हैं
जो सामने आते हैं उसी के हो जाते हैं।

⭐⭐⭐

अच्छे तो सभी है यहां,
बस पहचान बुरे वक्त में होती है।

⭐⭐⭐

कुछ लोग आपकी कदर इसलिए नहीं करते क्योंकि पता है ,
उन्हें कि उनके बिना आप जिंदा नहीं रह सकते।

⭐⭐⭐

गजब किया तेरे वादे पर ऐतबार किया,
तमाम रात कयामत का इंतजार किया।

⭐⭐⭐

छोड़ दिया सबको बेवजह परेशान करना,
जब कोई अपना समझता ही नहीं तो अपनी याद दिला कर क्या फायदा।

⭐⭐⭐

हम जरा खफा क्या हो गए
आप तो बेवफा हो गए।

⭐⭐⭐

बदलना कौन चाहता है साहब यहां
लोग मजबूर कर देते हैं बदलने के लिए।

⭐⭐⭐

सुप्रसिद्ध गुलजार साहब के शेरो शायरी

Gulzar Sahab ke Shayari
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बहुत कुछ बदला है मैंने अपने आप में
लेकिन तुम्हें टूट कर चाहने की आदत आज तक नहीं बदली।

⭐⭐⭐

बसना ही है तो रूह में बसा मुझको
दिल का क्या है कभी भी मर जाएगा।

⭐⭐⭐

रिश्ते और रास्ते तब खत्म हो जाते हैं
जब पांव नहीं दिल थक जाता है।

⭐⭐⭐

हर किसी रिश्ते को नाम की जरूरत नहीं होती
जब कोई अजनबी अपना लगने लगे बस यही मोहब्बत है।

⭐⭐⭐

तेरे रोने से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता ऐ दिल
जिनके चाहने वाले हजारों हो वह बेदर्द हुआ करते हैं।

⭐⭐⭐

बदलते वक्त और बदलते हुए लोग
किसी के नहीं होते।

⭐⭐⭐

मैं दिया हूं मेरी दुश्मनी तो सिर्फ अंधेरे से है,
हवा तो बेवजह ही मेरा खिलाफ है।

⭐⭐⭐

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कुछ अलग करना हो तो भीड़ से हटके चलिए
भीड़ साहस तो देती है मगर पहचान छीन लेती है।

⭐⭐⭐

वो मोहब्बत भी तुम्हारी थी नफरत भी तुम्हारी थी
हम अपनी वफा का इंसाफ किससे मांगते ..
वो शहर भी तुम्हारा था वह अदालत भी तुम्हारी थी।

⭐⭐⭐

मैं चाहता हूं हमेशा मासूम बने रहना,
यह जो जिंदगी है समझदार किया जाती है।

⭐⭐⭐

गुलजार के चुनिंदा शेरो शायरी

Gulzar Sahab ke Shayari
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समझने वाले तो खामोशी भी समझ लेते हैं,
ना समझने वाले जज्बातों का ही मजाक बना देते हैं।

⭐⭐⭐

अगर कोई तुम्हें रूलाए तो यह सोचकर सब्र कर लेना,
कि वह जिंदगी के किसी मोड़ पर तुमसे ज्यादा रोएगा।

⭐⭐⭐

जो सुख में साथ दे वो रिश्ता होता है,
जो दुख में साथ देव फरिश्ता होता है।

⭐⭐⭐

उसे जगह मत जाओ जहां लोग आपको बर्बाद करते है,
वहां जाओ जहां लोग आपका इंतजार करते हो।

⭐⭐⭐

मरते वही है जिस पर गुजरती है
बाकी सब तो तमाशा देखते हैं।

⭐⭐⭐

एक बार जो दिल से उतर जाता है
वह फिर चाहे सामने ही क्यों ना बैठा हो
तो भी नजर नहीं आता।

⭐⭐⭐

हजारों चेहरों में एक तुम दिल को अच्छे लगे,
वरना चाहत की कमी थी ना चाहने वालों की।

⭐⭐⭐

उन लोगों को कभी जाने मत देना,
जो आपकी खुद से ज्यादा परवाह करते हैं।

⭐⭐⭐

बहुत तकलीफ देते हैं वह जख्म,
जो बिना किसी कुसूर के मिलते हैं।

⭐⭐⭐

जो दुख दे उसे छोड़ दो,
मगर जिसे छोड़ दो उसे दुख मत दो।

⭐⭐⭐

Guljar status Shayari

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इंसान को परखना है तो
बस इतना कह दो कि मैं तकलीफ में हूं

⭐⭐⭐

जो नसीब में ना लिखा हो
वह रोने से भी नहीं मिलता।

⭐⭐⭐

अपने बुरे वक्त का शुक्रगुजार हूं मैं
क्योंकि उसी ने मुझे मजबूत बनाया है।

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बर्दाश्त करो तो डरपोक,
सामना करो तो बदतमीज।

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यदि किसी शख्स को पाने के लिए खुद को खोना पड़े,
तो उसे शख्स को भूलने में ही भला।

⭐⭐⭐

वह लड़की उसे बेइंतहा मोहब्बत करती है
जिसके रूठ जाने से वो रो देती है।

⭐⭐⭐

प्यार एक बहता दरिया है
झील नहीं की जिसको किनारे घेर के बैठे रहते हैं,
सागर भी नहीं की जिसेका किनारा नहीं होता।
बस दरिया है और बह जाता है।

⭐⭐⭐

अपने वसूल कभी यूं भी तोड़ने पड़े,
खता किसी और की थी और हाथ हमें जोड़ने पड़े।

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अहमियत हैसियत को मिलती है,
और हम हैं कि जज्बात लिए फिरते हैं।

⭐⭐⭐

खबर सबको थी मेरे कच्चे मकान की
फिर लोगों ने दुआओं में सिर्फ बरसात ही मांगी।

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मैंने मौत को देखा तो नहीं,
पर शायद वो बहुत खूबसूरत होगी।
कमबख्त जो भी उससे मिलता हैं,
जीना ही छोड़ देता हैं।।

नोट- इस आर्टिकल में गुलजार साहब की शेरो शायरी एकत्रित करके लिखे गए हैं, जो आपको बेहद पसंद आएंगे अगर इसमें कोई त्रुटि हो तो कमेंट करके जरूर बताएं। धन्यवाद!


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