Gulzar Shayari | गुलजार साहब के शेरो शायरी

2 line gulzar shayari, heart touching gulzar shayari, gulzar shayari

Gulzar Sahab ke Poetry
Gulzar Sahab ke Poetry

तुम्हारा याद आना भी कमाल करता है
कभी देखना आकार की मेरा क्या हाल होता है।

⭐⭐⭐

दीवारे सुन लेती है चीखे मेरी
बस कुछ अपने बाहरी बने बैठे हैं।

⭐⭐⭐

रिश्ते जब मजबूत हो जाते हैं
तब बिन कहे महसूस होते हैं।

⭐⭐⭐

माना की दूरियां कुछ बढ़ सी गई है,
लेकिन तेरे हिस्से का वक्त आज भी तन्हा गुजरता है।

⭐⭐⭐

जो इंसान जितना खामोश रहता है,
वह अपनी इज्जत को उतना ही महफूज रखता है।

⭐⭐⭐

दर्द होता है यह देखकर कि
तेरे पास सबके लिए वक्त है,
सिर्फ मुझे छोड़कर।

⭐⭐⭐

दुनिया फरेब करके हुनरमंद हो गई,
और हम एतबार करके गुनहगार हो गए।

⭐⭐⭐

कितने अनमोल होते हैं अपनों के रिश्ते,
कोई याद ना भी कर तो भी इंतजार रहता है।

⭐⭐⭐

अच्छा जा रहे हो छोड़ के ?
क्या इतना आसान होगा ?
बस एक सवाल का जवाब दे दो जाते-जाते
नफरत करना चाहते हो ना ?
कर पाओगे ?
तू वो मर्ज है मेरा जिसे दुआ लगती है, दवा नहीं।

⭐⭐⭐

जिंदगी में अगर खुश रहना है,
तो भूल जाओ उन्हें जो तुम्हें भूल गए।

⭐⭐⭐

Gulzar Shayari

Gulzar Sahab ke Poetry
Gulzar Shayari

जिंदगी में गम है, गम में दर्द है
दर्द में मजा है, और मजे में हम हैं।

⭐⭐⭐

सब ने कहा अच्छे से जाना,
फिर भी मां ने कहा, बेटा जल्दी आना।

⭐⭐⭐

ख्याल रखा करो अपना
मेरे पास आपके जैसा और नहीं।

⭐⭐⭐

वो भी अपने ना हुए दिल भी गया हाथों से,
ए से आने से बेहतर था उनका ना आना।

⭐⭐⭐

देख कर दर्द किसी और का जो आह दिल से निकल जाती है,
बस इतनी सी बात तो आदमी को इंसान बनाती है।

⭐⭐⭐

अच्छा सुनो तुम ही रख लो मुझे अपना बनाकर
औरों ने तो छोड़ दिया… मुझे तेरा समझ कर।

⭐⭐⭐

कुछ रहम कर जिंदगी थोड़ा संवार जाने दे,
तेरा अगला जख्म भी सह लेंगे, पर पहले वाला तो भर जाने दे।

⭐⭐⭐

बिन तेरे अब कोई आस नहीं,
इतना तरसे कि अब कोई प्यास नहीं।

⭐⭐⭐

कुछ पल के लिए दूर हुआ था मैं पर तूने तो मेरे बिना,
जीना ही सीख लिया कोशिश मैं भी करूंगा ना करने की।

⭐⭐⭐

टूटी हुई चीज बहुत चुभती है
चाहे वह कांच हो या फिर रिश्ते।

⭐⭐⭐

पिछले कुछ दिनों की बात है,
इश्क इतने करीब से गुजर लगा कि बस हो गया।

⭐⭐⭐

Gulzar Sahab ke Poetry
Gulzar Shayari

अक्सर अकेले रह जाते हैं वे लोग,
जो खुद से ज्यादा दूसरों की परवाह करते हैं।

⭐⭐⭐

मुझे नजर अंदाज करने की एक वजह बता दो,
फिर तुझे चाहने की हजार वजह बता दूंगा।

⭐⭐⭐

लिखना तो यह था कि खुश हूं तेरे बगैर भी
लेकिन कलम से पहले आंसू कागज पर गिर गया।

⭐⭐⭐

अगर आप पर कोई मरता है
तो कोशिश करो कि वो जिंदा रहे।

⭐⭐⭐

आज परेशान हूं कल सुकून भी आएगा
खुदा तो मेरा भी कब तक रुलाएगा।

⭐⭐⭐

नाराज तो नहीं हूं तुम्हारे जाने से,
मगर हैरान हूं कि तुमने मुड़कर भी नहीं देखा।

⭐⭐⭐

समय दिया करो रिश्तो को,
ताजमहल लोगों ने देखा मुमताज ने नहीं।

⭐⭐⭐

घंटे निकल जाते हैं खुद से बात करते-करते
और लोग कहते हैं कि मैं बातें नहीं करता।

⭐⭐⭐

कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती है
कभी जिंदगी एक पल भी नहीं गुजरता।

⭐⭐⭐

असल में हमारे अपने हमें दर्द नहीं देते दर्द वह देते हैं,
जिन्हें हम अपना समझने की भूल कर बैठते हैं।

⭐⭐⭐

Gulzar Shayari in Hindi

Gulzar Sahab ke Shayari
Gulzar Sahab ke Shayari

सुना है कोई और चाहने लगा है,
तुम्हें हमसे ज्यादा चाहे तो उसी के हो जाना।

⭐⭐⭐

बहुत अकेला कर दिया है अपनों ने मुझे,
समझ नहीं आता किस्मत बुरी है या हम।

⭐⭐⭐

अच्छे तो सभी है यहां,
बस पहचान बुरे वक्त में होती है।

⭐⭐⭐

आजकल लोग भी आईने की तरह हो गए हैं
जो सामने आते हैं उसी के हो जाते हैं।

⭐⭐⭐

असली कीमत तो दो ही बार समझ आती है
एक उसे पाने से पहले और दूसरा उसे खोने के बाद।

⭐⭐⭐

कुछ लोग आपकी कदर इसलिए नहीं करते क्योंकि पता है ,
उन्हें कि उनके बिना आप जिंदा नहीं रह सकते।

⭐⭐⭐

गजब किया तेरे वादे पर ऐतबार किया,
तमाम रात कयामत का इंतजार किया।

⭐⭐⭐

छोड़ दिया सबको बेवजह परेशान करना,
जब कोई अपना समझता ही नहीं तो अपनी याद दिला कर क्या फायदा।

⭐⭐⭐

हम जरा खफा क्या हो गए
आप तो बेवफा हो गए।

⭐⭐⭐

बदलना कौन चाहता है साहब यहां
लोग मजबूर कर देते हैं बदलने के लिए।

⭐⭐⭐

Gulzar Sahab ke Shayari
Gulzar Sahab ke Shayari

बहुत कुछ बदला है मैंने अपने आप में
लेकिन तुम्हें टूट कर चाहने की आदत आज तक नहीं बदली।

⭐⭐⭐

बसना ही है तो रूह में बसा मुझको
दिल का क्या है कभी भी मर जाएगा।

⭐⭐⭐

रिश्ते और रास्ते तब खत्म हो जाते हैं
जब पांव नहीं दिल थक जाता है।

⭐⭐⭐

हर किसी रिश्ते को नाम की जरूरत नहीं होती
जब कोई अजनबी अपना लगने लगे बस यही मोहब्बत है।

⭐⭐⭐

तेरे रोने से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता ऐ दिल
जिनके चाहने वाले हजारों हो वह बेदर्द हुआ करते हैं।

⭐⭐⭐

बदलते वक्त और बदलते हुए लोग
किसी के नहीं होते।

⭐⭐⭐

मैं दिया हूं मेरी दुश्मनी तो सिर्फ अंधेरे से है,
हवा तो बेवजह ही मेरा खिलाफ है।

⭐⭐⭐

Dr. Rahat Indori ki Famous Shayari➡️ https://shortshayari.com/rahat-indori-shayari-in-hindi/#more-4645

कुछ अलग करना हो तो भीड़ से हटके चलिए
भीड़ साहस तो देती है मगर पहचान छीन लेती है।

⭐⭐⭐

वो मोहब्बत भी तुम्हारी थी नफरत भी तुम्हारी थी
हम अपनी वफा का इंसाफ किससे मांगते ..
वो शहर भी तुम्हारा था वह अदालत भी तुम्हारी थी।

⭐⭐⭐

मैं चाहता हूं हमेशा मासूम बने रहना,
यह जो जिंदगी है समझदार किया जाती है।

⭐⭐⭐

Gulzar Sahab ke Shayari
Gulzar Sahab ke Shayari, Gulzar Shayari

समझने वाले तो खामोशी भी समझ लेते हैं,
ना समझने वाले जज्बातों का ही मजाक बना देते हैं।

⭐⭐⭐

अगर कोई तुम्हें रूलाए तो यह सोचकर सब्र कर लेना,
कि वह जिंदगी के किसी मोड़ पर तुमसे ज्यादा रोएगा।

⭐⭐⭐

जो सुख में साथ दे वो रिश्ता होता है,
जो दुख में साथ देव फरिश्ता होता है।

⭐⭐⭐

उसे जगह मत जाओ जहां लोग आपको बर्बाद करते है,
वहां जाओ जहां लोग आपका इंतजार करते हो।

⭐⭐⭐

मरते वही है जिस पर गुजरती है
बाकी सब तो तमाशा देखते हैं।

⭐⭐⭐

एक बार जो दिल से उतर जाता है
वह फिर चाहे सामने ही क्यों ना बैठा हो
तो भी नजर नहीं आता।

⭐⭐⭐

हजारों चेहरों में एक तुम दिल को अच्छे लगे,
वरना चाहत की कमी थी ना चाहने वालों की।

⭐⭐⭐

उन लोगों को कभी जाने मत देना,
जो आपकी खुद से ज्यादा परवाह करते हैं।

⭐⭐⭐

बहुत तकलीफ देते हैं वह जख्म,
जो बिना किसी कुसूर के मिलते हैं।

⭐⭐⭐

जो दुख दे उसे छोड़ दो,
मगर जिसे छोड़ दो उसे दुख मत दो।

⭐⭐⭐

Gulzar Sahab ke Poetry
Gulzar Shayari,Gulzar Sahab ke Poetry

इंसान को परखना है तो
बस इतना कह दो कि मैं तकलीफ में हूं

⭐⭐⭐

जो नसीब में ना लिखा हो
वह रोने से भी नहीं मिलता।

⭐⭐⭐

अपने बुरे वक्त का शुक्रगुजार हूं मैं
क्योंकि उसी ने मुझे मजबूत बनाया है।

⭐⭐⭐

बर्दाश्त करो तो डरपोक,
सामना करो तो बदतमीज।

⭐⭐⭐

यदि किसी शख्स को पाने के लिए खुद को खोना पड़े,
तो उसे शख्स को भूलने में ही भला।

⭐⭐⭐

वह लड़की उसे बेइंतहा मोहब्बत करती है
जिसके रूठ जाने से वो रो देती है।

⭐⭐⭐

प्यार एक बहता दरिया है
झील नहीं की जिसको किनारे घेर के बैठे रहते हैं,
सागर भी नहीं की जिसेका किनारा नहीं होता।
बस दरिया है और बह जाता है।

⭐⭐⭐

अपने वसूल कभी यूं भी तोड़ने पड़े,
खता किसी और की थी और हाथ हमें जोड़ने पड़े।

⭐⭐⭐

अहमियत हैसियत को मिलती है,
और हम हैं कि जज्बात लिए फिरते हैं।

⭐⭐⭐

खबर सबको थी मेरे कच्चे मकान की
फिर लोगों ने दुआओं में सिर्फ बरसात ही मांगी।

Read more 👇:

Good Morning Shayari
Independence day

Rate this post

Leave a Comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.