Cheat Shayari: बेईमानों पर निबंध: शायरी बेईमानी एक ऐसा व्यवहार है, जिसमें व्यक्ति सत्य, ईमानदारी और नैतिक मूल्यों का त्याग करता है। समाज में बेईमान लोग स्वार्थ, लोभ और लालच के कारण अपने कार्यों में ईमानदारी को नजरअंदाज करते हैं। ऐसे लोग झूठ, धोखा, चोरी और भ्रष्टाचार जैसे साधनों का सहारा लेते हैं।
बेईमानी केवल व्यक्ति विशेष तक सीमित नहीं रहती, बल्कि यह समाज और राष्ट्र की जड़ों को भी कमजोर कर देती है। यह समाज में अविश्वास, असमानता और अस्थिरता का कारण बनती है। बेईमान व्यक्ति अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए दूसरों के अधिकारों का हनन करता है, जिससे लोगों में असंतोष बढ़ता है।
इसके विपरीत, ईमानदारी समाज में शांति, विश्वास और प्रगति का आधार बनती है। अगर समाज में बेईमानी का प्रभाव बढ़ता है, तो यह सामाजिक ताने-बाने को खंडित कर देता है। बेईमान लोग अपने कार्यों से केवल अपना ही नहीं, बल्कि अपने परिवार और समाज का भी नाम खराब करते हैं।
बेईमानी के खिलाफ जागरूकता और कठोर कानूनों की आवश्यकता है। नैतिक शिक्षा और सही मूल्यों का प्रचार-प्रसार करके ही हम बेईमानी पर नियंत्रण पा सकते हैं। ईमानदारी और सत्य के मार्ग पर चलकर हम समाज को एक बेहतर दिशा दे सकते हैं।
Contents
When Trust is Shattered

हर चेहरे पर नकाब है,
हर दिल में सवाल है।
बेईमानी का दौर ऐसा है,
जहाँ हर इंसान बेहाल है।
झूठ की चादर ओढ़े लोग,
ईमानदारी का ढोंग करते हैं।
बेईमानी को अपनी ताक़त बना,
सच्चाई को रौंद देते हैं।
मोहब्बत में भी अब फ़रेब दिखता है,
हर वादा जैसे एक जाल सा लगता है।
दिल के सौदे अब सच्चे नहीं रहे,
हर रिश्ता बस मतलब का दिखता है।
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बात-बात पर झूठ बोलते हैं,
अपने फरेब को सच कहते हैं।
उनकी बेईमानी का आलम देखो,
हर धोखे को हुनर कहते हैं।
ईमान की बातें करते हैं,
दिल में छिपी मक्कारी रखते हैं।
जो खुद को फरिश्ता बताते हैं,
असल में वो बेईमानी करते हैं।
A Tale of Deceit

जुबां पर दोस्ती का नाम रखते हैं,
पीठ पीछे वार तमाम करते हैं।
ऐ बेईमान! सच का लिबास ओढ़ लो,
झूठ से कब तक ये काम करते हैं?
दिल लगाया तो धोखा मिला,
एतबार किया तो गुनाह हुआ।
अब किसी बेईमान से दिल लगाना,
अपने आप पर मज़ाक हुआ।
हुस्न से ज़्यादा बेईमानी का जलवा है,
हर चेहरे पर नकाब का सौदा है।
सच्चाई के बाजार में कोई खरीदार नहीं,
यहाँ तो बस झूठ ही सच्चा है।
दिल से खेलना तुम्हारी आदत बन गई,
झूठे वादों से भर गई हर बात।
हमने चाहा था तुम्हें अपना समझकर,
पर तुमने सिर्फ निभाई अपनी औकात।
तुम्हारे इश्क़ ने हमें बर्बाद कर दिया,
हर ख़्वाब को खाक में मिला दिया।
हमने तो सच्चा प्यार किया था,
पर तुम्हारी बेवफाई ने सब कुछ भुला दिया।
Cheat Shayari

हर दर्द सहा था तुम्हारे लिए,
हर ख़ुशी छोड़ी थी तुम्हारे लिए।
अब समझ आया, बेवफाई का मतलब,
क्योंकि प्यार तुम्हारा सिर्फ दिखावा था मेरे लिए।
वो वादे, वो कसमें सब फरेब थे,
तेरी हर बात में छुपे हुए ख्वाब थे।
आज टूटे दिल से सिर्फ यही कहूंगा,
तेरी मोहब्बत झूठी और जज्बात ख्वाब थे।
ख़ुशी-ख़ुशी खुद को मिटा दिया था,
तुझसे इश्क़ करके हर दर्द सहा था।
पर बेवफाई के जख्म ऐसे दिए,
जो शायद इस जन्म भर नहीं भरा था।
“सच की राह पर चलना मुश्किल ज़रूर है,
मगर बेईमानी की दौलत बस कुछ ही वक्त का गुरूर है।
हर झूठ की नींव कमजोर होती है,
सच के आगे हर चालाकी कमजोर होती है।”
“जिनके दिल में फरेब की आग जलती है,
उनकी पहचान दुनिया खुद कर देती है।
बेईमानी के खंजर से जीतते हो जहां,
मगर आखिर में वक़्त ही सज़ा दे देता है वहां।”
“ईमानदारी से जीने वाले सुकून पाते हैं,
झूठ के सहारे चलने वाले पछताते हैं।
बेईमानी से बटोरे हुए खजाने,
बस वक्त की आंधी में उड़ जाते हैं।”
Jab Bharosa Toot Jaaye

“वो जो अपने ही साये से डरते हैं,
बेईमानी के खेल हर रोज़ करते हैं।
मगर ये मत भूलो वक़्त का पहिया घूमता है,
हर झूठा अपने कर्मों से टूटता है।”
“बेईमानी की जड़ें कमजोर होती हैं,
सच की शाखें सदाबहार होती हैं।
झूठ की दीवारें चाहे ऊंची कर लो,
वक़्त की ठोकर से सब ढह जाती हैं।”
दोस्ती के नाम पर जो खेलते हैं दिलों से,
ऐसे लोग कभी सच्चे नहीं होते अपनों से।
छल-कपट से जो करते हैं दोस्ती की बातें,
वो दोस्त नहीं, सिर्फ नकाब होते हैं चेहरे पर।
वो जो हर बात पर अपनी कसम खाते थे,
आज हमारी पीठ पीछे ज़हर फैलाते हैं।
बेईमानी से जो निभाई दोस्ती उन्होंने,
उनके नाम का अब दिल से नाता मिटाते हैं।
वो दोस्ती का दिखावा करने आए थे,
दिल में मगर धोखा छिपाए थे।
सच जानकर दिल तो दुखा, पर समझ गया,
जिन पर भरोसा किया, वही पराए थे।
Dhoka Ka shayari

ज़िंदगी के सफर में सबक सिखा गए,
जो बेईमानी में सच्चाई दिखा गए।
ऐसे दोस्तों से बेहतर है तन्हा रहना,
जो अपनों के नाम पर पराया कर गए।
सच्चे दोस्त की पहचान मुश्किल सही,
पर बेईमान की पहचान आसान होती है।
जो सामने मीठा, पीछे खंजर रखे,
उनसे दूरी ही दोस्ती की शान होती है।
दिल के आईने में हर चेहरा साफ होता है,
पर बेईमानी का नकाब हर सच को दाग करता है।
ईमान की राह मुश्किल सही,
पर झूठ का रास्ता हमेशा गुमराह करता है।
ईमानों के चेहरे पर नकली हंसी सजती है,
दिल में साजिश और जुबां पर मिठास बसती है।
सच की राह से वो डरते बहुत हैं,
झूठ के सहारे ही अपनी जीत गढ़ते हैं।
खुद को ईमानदार कहते नहीं थकते,
पर हर जगह बेईमानी की बुनियाद रखते।
सच का आईना देखना गवारा नहीं,
इसलिए हर बात में छल का सहारा रखते।
सच की लौ में बेईमानी जल जाएगी,
झूठ की दुनिया मिट्टी में मिल जाएगी।
ईमान का दीपक जलाए रखो,
वरना इंसानियत ही खत्म हो जाएगी।
जिसने बेईमानी को अपना धर्म बना लिया,
उसने अपने लिए बर्बादी का घर बना लिया।
सच का दामन थामने में कुछ पल लगते हैं,
पर झूठ का बोझ हर कदम पर गिरा देता है।
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